भारत में युवाओं के बीच विदेश जाकर पढ़ने का दौर चल रहा है। भारी संख्या में स्टूडेंट उच्च अध्यन के लिए विदेश जा रहे है। ऐसे छात्रों की गिनती लगातार बढ़ती ही जा रही है। हालांकि, कुछ ऐसे भी देश हैं जहां के डिग्री मिलने पर भारत में आकर एक और परीक्षा देना पड़ता है। तब जाकर उनको भारत में मान्यता मिलती है। क्या भारत में रूस MBBS डिग्री की मान्यता है? हम आपको इस ब्लॉग में पूरी बात विस्तार से बताएंगे। Busting TOP 5 Myths about STUDY ABROAD!!! SAVE YOURSELF!
जरूर पढ़े: 5 Thrilling Countries For Indian Students To Study Abroad
रूसी विश्वविद्यालयों को शिक्षा मंत्रालय से मान्यता
भारत में रूस से एमबीबीएस (MBBS) डिग्री की मान्यता है। और यह अन्य विदेशी देशों में प्राप्त की गई मेडिकल डिग्री के समकक्ष है। भारतीय मेडिकल काउंसिल (Medical Council of India) और नवनिर्देशित एमसीआई (National Medical Commission) ने यह दर्जा प्राप्त किया है। इसलिए रूस से प्राप्त की गई मेडिकल डिग्री भारत में मान्यता प्राप्त है। रूसी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) की मान्यता प्राप्त रूसी विश्वविद्यालयों से ग्रेजुएट करने की अनुमति दी गई है। यह मान्यता भारतीय मेडिकल विद्यालयों और अस्पतालों में चिकित्सा अध्ययन और नौकरी के दौरान अपने डिग्री को मान्यता देती है।
यूनिवर्सिटी और अस्पतालों में अन्य डिग्री की मान्यता
रूसी विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस कार्यक्रम भारतीय मेडिकल काउंसिल, और नवनिर्देशित एमसीआई के मानकों के अनुसार आयोजित किए जाते हैं। रूस में मेडिकल शिक्षा के दौरान, छात्रों को प्रायोगिक और साक्षात्कारिक ज्ञान के साथ-साथ चिकित्सा के सिद्धांतों को भी बताया जाता है। शिक्षा प्रदान करने वाले अधिकांश विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम आंतरदेशीय मान्यता संगठन (International Recognition Organizations) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। यह भी मान्यता प्रदान करता है कि इन विश्वविद्यालयों से दी गई मेडिकल डिग्री को अन्य यूनिवर्सिटी और अस्पतालों में स्वीकार्य माना जाएगा।
भारत में मान्यता के लिए लायसेंसिंग परीक्षा
रूस से एमबीबीएस डिग्री लेने के बाद युवाओं को अपने डिग्री को भारत में मान्यता के लिए कुछ प्रक्रियाएं पूर्ण करनी पड़ती है। उन्हें भारतीय मेडिकल काउंसिल या नवनिर्देशित एमसीआई के वेबसाइट पर जाकर एमबीबीएस डिग्री के लिए पंजीकरण करना होगा। इसके बाद एमसीआई के द्वारा निर्धारित लायसेंसिंग परीक्षा (Licensing Examination) देना होगा। इस परीक्षा के सफल होने के बाद, उन्हें भारत में चिकित्सा परामर्श (Medical Practitioner) के रूप में पंजीकृत किया जाता है। मेडिकल डिग्री वाले छात्रों को भारतीय अस्पतालों में नौकरी भी प्राप्त करने का अवसर मिलता है। राष्ट्रीय मेडिकल कमीशन द्वारा नियुक्ति (Appointment) प्रक्रिया में रूस से प्राप्त की गई मेडिकल डिग्री भी मान्यता प्रदान करती है। इस वजह सेक्स रूस में एमबीबीएस पढ़ने वाले छात्रों को भारत में चिकित्सा क्षेत्र में उनके नौकरी के लिए स्थानीय उम्मीदवारों के साथ मुकाबला करना पड़ता है।
आंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल डिग्री की पहचानी
रूस से प्राप्त की गई मेडिकल डिग्री का महत्वपूर्ण पहलु यह है, कि यह छात्रों को ग्लोबल मेडिकल करियर के लिए विश्वस्तरीय मौके प्रदान करती है। रूस में मेडिकल शिक्षा का मानक है। यह वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त होने के कारण, रूस से प्राप्त की गई, मेडिकल डिग्री आंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचानी जाती है। छात्रों को विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, और अन्य स्वास्थ्य संगठनों में नौकरी प्राप्त करने के लिए यह महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र की भूमिका निभाती है।
आर्थिक दबाव का नहीं करना पड़ेगा सामना
रूसी विश्वविद्यालयों में शिक्षा का खर्च भारतीय मेडिकल काउंसिल के अनुमानों के मुकाबले काफी कम हो सकता है। यह छात्रों को एक सुगम वित्तीय स्थिति में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करता है और उन्हें बाकी के विदेशी देशों में मेडिकल शिक्षा की तुलना में कम आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ता है। भारतीय मेडिकल काउंसिल और नवनिर्देशित एमसीआई द्वारा इसे मान्यता प्रदान किया गया है और यह भारतीय अस्पतालों में चिकित्सा कार्य में उपयोगी है।
ये भी पढ़े: TOP 5 countries to study abroad for FREE!