क्या आप भी सोचते हैं कि इंजीनियरिंग में धमाकेदार स्कोप के बाद भी बेरोज़गारी क्यों?

तो आइए जानते हैं

देखिए, भारत में हर साल 15 लाख इंजीनियर ग्रेजुएट होते हैं

और भारत इस आंकड़े के साथ विश्व में सबसे ज्यादा इंजीनियर produce करता है

अब Quantity बढ़ने पर Quality का आंकड़ा नीचे गिरता है

Outdated syllabus और lack of technology के कारण छात्र tech jobs के काबिल नहीं

MNC मांगती हैं प्रैक्टिकल स्किल और छात्र के पास है किताबी ज्ञान

निति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 48% इंजीनियर बेरोजगार हैं

इसलिए किताबी ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल स्किल बढ़ाना भी जरूरी है