क्या आप भी सोचते हैं कि अगर सभी धनी होते तो सब कुछ कितना अच्छा होता?

तो जान लें कि 'धनी' शब्द खुद में ही इतना व्यापक है और इसके अर्थ सबके लिए अलग-अलग हो सकते हैं

इसलिए सभी धनी हैं कोई पैसे, कोई कला, कोई स्वास्थ्य का धनी है

हालाँकि अगर बात पैसे की हो तो वो सबके पास नहीं होता जिसका कारण हम आपको अभी बताते हैं

पहला, हो सकता है कि किसी की पुश्तैनी जायदाद ना हो जिससे उसे खुद अपना सम्राज्य बनाने में दिक्क्त आ रही हो

*मज़ाक को सिर्फ मज़ाक के तौर पर ही लें* 

असली कारण है खराब मनी-मैनेजमेंट व सही समय पर कोई लाभ ना उठा पाना

बस सोचते रह जाना व कोई एक्शन ना ले पाना

ऐसे लोग या तो सुनहरे भविष्य के सपनों में या अतीत की यादों में खोये रहते हैं व वर्तमान में रहकर सही निर्णय नहीं लेते

मामूली जीवन में इतने खोये रहना कि दिन के खाने व रात के सोने के आगे कुछ ना सूझना, ऐसे लोग धनी बनने से चूक जाते हैं 

सीखना छोड़ देना व साधारण विचारों के आगे ना सोच पाना

आसानी से हार मान लेना व खुद में विश्वास ना रखना

कर्ज में रहना भी एक कारण है कि सब लोग धनी नहीं होते क्योंकि वे अपने आराम को छोड़ना नहीं चाहते

बात रही किस्मत की तो विज्ञान के अनुसार मानव मस्तिष्क में इतनी ताकत है कि वो खुद के विचारों से अपनी किस्मत बदल सकता है