अगर आप भी सोचते हैं कि भारत में कोई भी यूनिवर्सिटी हार्वर्ड या ऑक्सफ़ोर्ड की तरह टॉप 10 रैंक में क्यों नहीं है तो आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे के कारण

पहला कारण है भारत में एजुकेशन सेक्टर पर GDP का कुल 3% से भी कम इन्वेस्ट होना और ये पिछले 10 सालों से गिर ही रहा है

यहाँ तक कि 2023 में भी GDP का एक बड़ा भाग (13%) डिफेन्स पर इन्वेस्ट किया गया जबकि शिक्षा पर ये 2.9% ही है

आपको बता दें कि 2020 में नई शिक्षा नीति के तहत एजुकेशन पर 6% का इन्वेस्टमेंट होना था पर ये अब तक लागु नहीं हो पाया है

और UK व US तो अपनी शिक्षा प्रणाली पर जीडीपी का कुल 6% से भी अधिक इन्वेस्ट करते हैं

अब चलिए इतिहास में थोड़ी डुबकी लगा ही लेते हैं कि आखिर ये मामला क्या है

1964, में पंचवर्षीय योजना के तहत जब कोठारी कमीशन को भारत की शिक्षा प्रणाली संभालने का जिम्मा दिया गया था तब भी भारत  एजुकेशन पर GDP का 2.9% ही इन्वेस्ट कर रहा था

व 1965 में फैसला लिया गया था कि भारत इस इन्वेस्टमेंट को सलाना बढ़ाकर 1986 तक 6% कर देगा हालाँकि ये अब तक होता नहीं दिखता

यहाँ तक ही हमारे पडोसी देश नेपाल व चीन भी 5% से अधिक अपनी शिक्षा पर इन्वेस्ट करते हैं

और बात रही हार्वर्ड व ऑक्सफ़ोर्ड जैसे बड़े संस्थानों की तो वो 900 साल से भी अधिक पुराने हैं जबकि भारत में अभी कोई भी इतना पुराना विश्वविद्यालय उपस्थित नहीं है

और ये दोनों ही संस्थान बल्कि जितने भी मशहूर संस्थानों के नाम आप सुनते हैं वे सब प्राइवेट हैं व बड़े-बड़े संगठन इनकी फंडिंग व मार्केटिंग करते हैं

तो अगर भारत को ऐसे महान विश्वविद्यालय चाहिए तो उसे ग्लोबल लेवल पर एक कॉर्पोरेट बनना होगा