शिक्षा मंत्रालय की मानें तो बिहार 61.80% साक्षरता दर के साथ देश का सबसे कम पढ़ा-लिखा राज्य है

अचंभे की बात ये है कि जो राज्य प्राचीनतम भारत की शिक्षा की नींव था अब वो इतना चरमरा कैसे गया?

5वीं शताब्दी की नालंदा यूनिवर्सिटी से लेकर बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति के स्थान बोधगया तक सब बिहार में ही स्थित है

तो क्या कहा जाए कि बिहार वासियों की नसों में अब भी उस समय के ज्ञान का खून उफान पर है?

ख़ैर, ये तो पता नहीं पर हम आपको इसके कुछ तार्किक कारण जरुर दे सकते हैं

पहला कारण है कि बिहार देश का पांचवा सबसे गरीब राज्य है

व इसकी आधे से अधिक यानि 51% आबादी गरीबी रेखा के अंदर आती है

और ये तो सच है कि हीरा कोयले की खान से ही निकलता है

बिहार वासियों को उनका जज्बा व कड़ी मेहनत का जोश उनकी परिस्थितियों से मिलता है

राज्य की जर्जर कृषि, अधिक आबादी, गरीबी व कम विकास ही उनको मजबूर करता है किताब उठाने के लिए

अन्यथा वो भी शहरों के छात्रों की तरह मौज-मस्ती का मजे लेते