क्या आप भी सोचते हैं कि क्यों इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियां इतनी कम होती हैं?

अगर हाँ, तो इसके पीछे है एक वजह, आइए जानते हैं

पहले तो बचपन से ही भारतीय परिवारों में लड़कों को डॉक्टर या इंजीनियर बनने के हिदायत दी जाती है

और उन्हें पजल या टेक्निकल खेल-खिलौने दिए जाते हैं

वहीँ एक छोटी बालिका को या तो घर-परिवार संबंधी या टीचर आदि से जुड़े सपने दिखाए जाते हैं

और ये झलक आप उनके खिलौनों में भी देख सकते हैं जैसे किचन सेट या गुड़िया आदि

तो जब एक बड़ी मात्रा में भारतीय परिवारों में बच्चों की परवरिश कुछ इस तरह होती है

तो इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों का कम होना तो तय है

साथ ही अधिकतर लड़कियां मैथ व टेक्निकल फील्ड में थोड़ा पिछड़ने के कारण खुद ही इंजीनियरिंग आदि से बचती हैं

पर ये सब लड़कियों पर लागु नहीं होता

कुछ लड़कियां शुरू से ही इंजीनियरिंग व मैथ से लेकर खेल-कूद आदि में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं

व अपने सराहनीय प्रदर्शन से लड़कों तक के दांत खट्टे कर देती हैं