कभी ना कभी तो आपका भी ध्यान गया ही होगा कि आजकल के युवा आखिर कर क्या रहे हैं?

कोई MBBS, BTECH, MBA करने के बाद जब चाय बेचता नजर आए तो सिस्टम पर सवाल उठना तो तय है

और साथ ही नामी-ग्रामी कंपनियों में बड़ी संख्या में layoffs होना भी छात्रों के साथ कहाँ का न्याय है

महंगे संस्थानों में इंजीनियरिंग के नाम का सपना दिखा छात्रों को लूटा जाता है व प्लेसमेंट तो छोड़िये क्वालिटी एजुकेशन तक नसीब नहीं होती

कंप्यूटर साइंस की लैब्स में पुराने सॉफ्टवेयर व outdated सिलेबस से पढाई व प्रैक्टिकल के नाम पर किताबों में रट्टा मारना

साथ ही छात्र भी अपनी युवावस्था को बड़े हल्के में लेते पाए गए हैं इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए कड़ी मेहनत की जरुरत है

सही मार्गदर्शन ना होने के कारण उन्हें आधे जीवन पता ही नहीं होता कि उन्हें करना क्या है इसलिए जहाँ घरवाले घुमा देते हैं वहीँ घूम जाते हैं

भारतीय परिवारों को भी लड़कों को इंजीनियर व लड़कियों को टीचर बनाने की सोच से ऊपर उठना चाहिए परिवर्तन प्रकृति का नियम है

इंजीनियरिंग को करियर के मामले में तोप समझा जाता है व यही सोच लेकर आज कई इंजीनियर नौकरी के लिए भटक रहे हैं

अक्सर छात्र अपने परिवार के दबाब या दोस्तों के बहकावे में आकर ऐसे कोर्स चुन लेते हैं जिनकी क्षमता वे रखते ही नहीं

कई बार JEE आदि जैसे कठिन एंट्रेंस एग्जाम में सफल ना होने कारण छात्रों का IIT संस्थानों में एडमिशन नहीं होता

व उन्हें छोटे-मोटे कॉलेज से पढाई करनी पड़ती है जिससे उनका करियर प्रभावित होता है