वैसे तो इंजीनियरिंग का भारत से लेकर विदेश तक में एक बड़ा स्कोप है
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और वहीँ ये निर्भर करता है कि आप किस विषय में इंजीनियरिंग कर रहे हैं
और वहीँ ये निर्भर करता है कि आप किस विषय में इंजीनियरिंग कर रहे हैं
साथ ही ये भी जानना जरुरी है कि किस देश में कौन-से इंजीनियरों की अधिक डिमांड है
साथ ही ये भी जानना जरुरी है कि किस देश में कौन-से इंजीनियरों की अधिक डिमांड है
उदाहरण के तौर पर, एक high-tech देश में सॉफ्टवेयर व टेक्निकल इंजीनियर अधिक डिमांड में हो सकते हैं
उदाहरण के तौर पर, एक high-tech देश में सॉफ्टवेयर व टेक्निकल इंजीनियर अधिक डिमांड में हो सकते हैं
तो वहीँ जरूरत के अनुसार कहीं सिविल इंजीनियर आदि की भी खूब डिमांड हो सकती है
तो वहीँ जरूरत के अनुसार कहीं सिविल इंजीनियर आदि की भी खूब डिमांड हो सकती है
तो आइए, अभी एक मोटे-तौर पर बात कर लेते हैं कि इंजीनियरिंग का स्कोप कितना व्यापक है?
तो आइए, अभी एक मोटे-तौर पर बात कर लेते हैं कि इंजीनियरिंग का स्कोप कितना व्यापक है?
बढ़ते डिजिटल दौर में, सभी कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, डाटा, टैक व आईटी संबंधित इंजीनियरिंग का दायरा खूब बढ़ गया है
बढ़ते डिजिटल दौर में, सभी कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, डाटा, टैक व आईटी संबंधित इंजीनियरिंग का दायरा खूब बढ़ गया है
और इनके सैलरी पैकेजेस भी अच्छे होते हैं बर्शते आपकी इसमें एक्सपर्टीज अच्छी-ख़ासी होनी चाहिए
और इनके सैलरी पैकेजेस भी अच्छे होते हैं बर्शते आपकी इसमें एक्सपर्टीज अच्छी-ख़ासी होनी चाहिए
सिविल इंजीनियरिंग की शुरुआती सैलरी भले ही कम हो पर समय के साथ ये टैक इंजीनियरिंग से भी अधिक बढ़ सकती है
सिविल इंजीनियरिंग की शुरुआती सैलरी भले ही कम हो पर समय के साथ ये टैक इंजीनियरिंग से भी अधिक बढ़ सकती है
मैकेनिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का व्यापक स्कोप होने के कारण ये भविष्य में 7% तक बढ़ सकता है
मैकेनिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का व्यापक स्कोप होने के कारण ये भविष्य में 7% तक बढ़ सकता है
केमिकल इंजीनियरिंग जिसकी शाखाएँ न्यूक्लीयर इंजीनियरिंग से लेकर पेट्रोलियम इंजीनियरिंग तक फैली हई हैं जो विश्व की सबसे अधिक सैलरी वाली जॉब्स हैं
केमिकल इंजीनियरिंग जिसकी शाखाएँ न्यूक्लीयर इंजीनियरिंग से लेकर पेट्रोलियम इंजीनियरिंग तक फैली हई हैं जो विश्व की सबसे अधिक सैलरी वाली जॉब्स हैं
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