क्या आप जानते हैं कि भारत में हर साल 15 लाख से भी अधिक छात्र सिविल इंजीनियरिंग पढ़ते हैं?

खैर, आंकड़ों के अनुसार भारत के 94% इंजीनियर बेरोजगार हैं

और ऐसा कहकर बड़े आराम से नामी-ग्रामी कंपनियां व "बड़ा वर्ग" पीछे हट जाता है

पर छात्रों के भविष्य से हुए खिलवाड़ के बारे में कोई कुछ नही सोचता

व मौजूदा शिक्षा प्रणाली में भी कोई सुधार नहीं किये जाते

पर भारत के आगामी मेट्रो प्रोजेक्ट में कई सिविल व सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जरुरत होगी

इसलिए आने वाले दिनों में सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप तो अच्छा है

जब तक आप उस 94% वाली भीड़ का शिकार ना हों इसलिए किताबी ज्ञान से अधिक प्रैक्टिकल स्किल पर ध्यान दें

वैसे भी सिविल इंजीनियरिंग में समय व एक्सपीरियंस के साथ सैलरी बढ़ती है

क्योंकि कोई भी प्रोजेक्ट किसी नौसिखिए को नहीं दिया जा सकता, इससे बड़ी जन-धन को हानि हो सकती है

और साथ ही सिविल इंजीनियरिंग में सरकारी नौकरी के बहुत अच्छे मौके होते हैं

इसमें शुरूआती सालाना आय 3-5 लाख हो सकती है जो समय के साथ 7-10 लाख तक पहुँच सकती है