डॉक्टर बनने के बारे में हम सब बचपन में एक-ना-एक बार तो सोचते ही हैं
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और बचपन में डॉक्टरी वाले खिलौनौं से खेलकर खुद को दिलासा भी दे देते हैं
और बचपन में डॉक्टरी वाले खिलौनौं से खेलकर खुद को दिलासा भी दे देते हैं
पर असल में डॉक्टरी कोई बच्चों का खेल नहीं
पर असल में डॉक्टरी कोई बच्चों का खेल नहीं
इसमें लगती है कड़ी मेहनत व समय तो आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया
इसमें लगती है कड़ी मेहनत व समय तो आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया
पहले तो न्यूनतम 50% अंक PCB विषयों में 10+2 में आपको लाने होंगे किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से
पहले तो न्यूनतम 50% अंक PCB विषयों में 10+2 में आपको लाने होंगे किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से
फिर क्रैक करें NEET और उसकी तैयारी अपनी बोर्ड परीक्षा से भी पहले से शुरू कर दीजिए
फिर क्रैक करें NEET और उसकी तैयारी अपनी बोर्ड परीक्षा से भी पहले से शुरू कर दीजिए
NEET क्लियर करने के बाद आप MBBS करने के योग्य हो जाते हैं
NEET क्लियर करने के बाद आप MBBS करने के योग्य हो जाते हैं
अब 5 ½ साल MBBS करें और फिर करें इंटर्नशिप
अब 5 ½ साल MBBS करें और फिर करें इंटर्नशिप
क्योंकि आप सीधा रोगियों पर अपना किताबी ज्ञान नहीं आजमा सकते
क्योंकि आप सीधा रोगियों पर अपना किताबी ज्ञान नहीं आजमा सकते
अब जरूरत के अनुसार आपको MS या MD करनी होगी
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उसके बाद ही आप दवाई लिखने व सर्जरी करने योग्य हो पाएंगे
उसके बाद ही आप दवाई लिखने व सर्जरी करने योग्य हो पाएंगे
याद रखें, आपको भारतीय चिकित्सा रजिस्टर में खुद का नाम दर्ज कराना होगा
याद रखें, आपको भारतीय चिकित्सा रजिस्टर में खुद का नाम दर्ज कराना होगा
क्योंकि बिना लाइसेंस के डॉक्टरी कानूनन रूप से गलत है व आपको मुश्किल में डाल सकता है
क्योंकि बिना लाइसेंस के डॉक्टरी कानूनन रूप से गलत है व आपको मुश्किल में डाल सकता है
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