क्या आप जानते हैं कि इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस दुनिया के मात्र ऐसे दो विषय हैं जिनसे सबसे ज्यादा छात्र ड्रॉपआउट करते हैं?

तो क्या इससे हम समझ सकते हैं कि कंप्यूटर साइंस वाकई में काफी कठिन है? जी हां, बिल्कुल

तो आइए जानते हैं कैसे

वैसे तो हर विषय छात्र की क्षमता के अनुसार कठिन या आसान हो सकता है

पर कंप्यूटर साइंस में प्रोग्रामिंग भाषाओं का सटीक ज्ञान व साथ में गणित पर भी अच्छी पकड़ होना जरूरी है

और अक्सर यहीं छात्रों को दिक्कत होती है क्योंकि ये डिग्री रट्टा-पद्धति पर नहीं की जा सकती

इसमें जी-तोड़ मेहनत, समय और समपर्ण चाहिए

साथ ही आपको एल्गोरिदम व पेचीदा डाटा स्ट्रक्चर को समझना आना चाहिए

हालाँकि ये सब समय के साथ आ जाता है

पर इस डिग्री में छात्र अक्सर धैर्य खो बैठते हैं व कोई तर्कहीन निर्णय ले लेते हैं

ये डिग्री विज्ञानं व गणित की भांति हैं, ऑब्जेक्टिव यानि निष्पक्ष क्योंकि यहाँ अगर कुछ सही है तो सही अथवा गलत

ये बाकी सैद्धांतिक विषयों की तरह सब्जेक्टिव यानि व्यक्तिपरक नहीं है इसलिए कुछ छात्र हताश हो सकते हैं

तो अगर आप में धैर्य व लॉजिक है तो आप ये डिग्री आसानी से प्राप्त कर लेंगे