अक्सर आप लोगों को कहते सुनते होंगे कि "अरे ! अब सिविल इंजीनियरिंग में कुछ नहीं रखा"

पर ये सच नहीं है क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक सदाबहार ब्रांच है

तो फिर लोग ऐसा क्यों सोचते हैं? आइए जानते हैं कारण

सिविल इंजीनियरिंग एक वो नींव है जिस पर हमारा देश व हमारा मकान तक टिका है

और देश में तेजी से होते विकास के साथ ये काम और भी डिमांड में है

पर अब सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों शुरूआती दौर में एक सिविल इंजीनियर की सैलरी इतनी कम होती है

देखिए, सिविल इंजीनियरिंग धैर्य की पढाई है

जहाँ सॉफ्टवेयर व टेक्निकल इंजीनियर आदि पहली ही नौकरी में अच्छा कमा लेते हैं

वहीँ सिविल इंजीनियरिंग की सैलरी एक्सपीरियंस के आधार पर बढ़ती है

क्योंकि कोई भी अपना मकान, पुल, बिल्डिंग, व सड़कें किसी नौसिखिये से नहीं बनवाना चाहेगा

यानि जितना सॉलिड एक्सपीरियंस उतना ही सॉलिड ढांचा

याद रखें, सिविल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की सबसे प्राचीन व विकसित शाखा है

और सरकारी नौकरी भी इसी में है और इसका पे स्केल समय के साथ बेहतर हो जाता है