क्या आप जानते हैं कि भारत में 60 से 70 हज़ार छात्र वक़ालत के क्षेत्र में हर साल क़दम रखते हैं?
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और हां, इस क्षेत्र में वक़ालत की पढ़ाई काफी जरुरी है जिसके लिए छात्र पहले से तैयारी कर लेते हैं
और हां, इस क्षेत्र में वक़ालत की पढ़ाई काफी जरुरी है जिसके लिए छात्र पहले से तैयारी कर लेते हैं
जान लें कि भारत में कई तरह के वकील होते हैं, कॉर्पोरेट लॉयर, फॅमिली लॉयर, व टैक्स वकील आदि
जान लें कि भारत में कई तरह के वकील होते हैं, कॉर्पोरेट लॉयर, फॅमिली लॉयर, व टैक्स वकील आदि
अब इसे करें कैसे? तो 12वीं के बाद छात्र अपनी वक़ालत की पढाई शुरू कर सकते हैं
अब इसे करें कैसे? तो 12वीं के बाद छात्र अपनी वक़ालत की पढाई शुरू कर सकते हैं
Combined LLB - BA+LLB, BBA+LLB, BCOM+LLB (5 साल)
Combined LLB - BA+LLB, BBA+LLB, BCOM+LLB (5 साल)
और अगर आप पहले से ग्रेजुएट हैं तो आप सीधा LLB कर सकते हैं जो मात्र 3 साल का होता है
और अगर आप पहले से ग्रेजुएट हैं तो आप सीधा LLB कर सकते हैं जो मात्र 3 साल का होता है
इसके बाद चाहे तो LLM यानि वक़ालत में मास्टर्स (PG) भी कर सकते हैं
इसके बाद चाहे तो LLM यानि वक़ालत में मास्टर्स (PG) भी कर सकते हैं
हालाँकि आपको CLAT, LSAT, AILET, SLAT आदि जैसी प्रवेश परीक्षा देनी पड़ सकती हैं
हालाँकि आपको CLAT, LSAT, AILET, SLAT आदि जैसी प्रवेश परीक्षा देनी पड़ सकती हैं
और आखिरकार आपको All India Bar Examination (AIBE) क्रैक करना होगा जिसके बाद भारतीय कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर एडवोकेट बन सकते हैं
और आखिरकार आपको All India Bar Examination (AIBE) क्रैक करना होगा जिसके बाद भारतीय कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर एडवोकेट बन सकते हैं
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