भारत में बच्चों को अधिकतर बचपन से ही इंजीनियर या डॉक्टर बनने का सपना दिखाया जाता है

और अधिकतर छात्र भी इन्हीं डिग्री से ड्राप आउट करते हैं

ख़ैर बात की जाए इंजीनियरिंग की तो भारत में सबसे अधिक प्रचलित है सिविल व सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

इसलिए जान लेते हैं इनमें से किसकी सैलरी अधिक है

लोगों को अक्सर लगता है की एक सिविल इंजीनियर की सैलरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर के मुक़ाबले काफी कम होती है

और सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के मुकाबले कम है

हालाँकि ये सच नहीं है क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग एक्सपीरियंस बेस्ड होती व इसमें समय के साथ पैसा बढ़ता है

वहीँ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग इनफार्मेशन बेस्ड अधिक है इसलिए यहाँ शुरूआती सैलरी ही अच्छी मिल जाती है

क्योंकि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोड करते वक्त गलती करने पर उसे सुधार सकता है

पर वहीँ एक सिविल इंजीनियर ने अगर कोई गलती की तो पूरे ढाँचे की नींव चरमरा जाएगी

इसलिए एक सिविल इंजीनियर का एक्सपीरियंस काफी मायने रखता है व इसकी सालाना सैलरी 1-10 लाख के बीच हो सकती है

साथ ही एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सालाना सैलरी 2-15 लाख के बीच हो सकती है

पर सैलरी से हटकर सोच लें कि आपको सालभर AC में बैठ डेस्क पर काम करना है या आपको घूमने-फिरने वाली एक्टिव जॉब चाहिए